नमस्ते दोस्तों। आज हम इस ब्लॉग पोस्ट में सरदार उधम सिंह के बारे में जानेंगे। सरदार उधम सिंह भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अहम रोल निभाने वाले शख्सियतों में से एक थे। वे एक वीर योद्धा, स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के एक अमेरिकी जनरल माइकल ओ डायर की हत्या की थी जो जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार माना जाता था।
सरदार उधम सिंह का जन्म 26 दिसंबर 1899 को पंजाब के संग्रुर में हुआ था। उनके पिता का नाम साहिब सिंह था जो एक किरायेदार थे। बचपन से ही सरदार उधम सिंह ने देशभक्ति की भावना को अपने मन में जगाया था। वे बचपन से ही स्वतंत्रता संग्राम के समर्थक थे।1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड ने सरदार उधम सिंह के जीवन को पूर्णतः बदल दिया। इस हत्याकांड के बाद उन्होंने अपना समर्थन स्वतंत्रता संग्राम के लिए दिया था। उन्होंने ब्रिटिश सरकार के अनेक अधिकारियों ने हत्या की जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए जिम्मेदार माने जाते थे।
1924 में सरदार उधम सिंह ने इंग्लैंड जाकर अपने एक दोस्त के साथ एक भारतीय बस्ती में रहते हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड के लिए ज़िम्मेदार माने जाने वाले ब्रिटिश जनरल माइकल ओ डायर की हत्या की।
उन्होंने एक अमेरिकी नागरिक के नाम से पासपोर्ट बनाकर अमेरिका जाने का प्लान बनाया था लेकिन इस सफ़र में उन्हें अरेस्ट कर लिया गया। सरदार उधम सिंह ने 31 जुलाई 1940 को लंदन के प्रिसन में फाँसी के फंदे से आखिरी सांस ली।उनके इस कदम ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई ऊंचाइयों पर उठाया था।
सरदार उधम सिंह की सामाजिक और राजनीतिक जीवन के ऊपर भी कई किताबें लिखी गई हैं।सरदार उधम सिंह को अमर शहीद के रूप में याद किया जाता है। उनकी शहादत की तारीख 31 जुलाई को हर साल उनकी याद में सर्वाधिक अधिकारिक तौर पर मनाई जाती है।
SARDAR UDHAM SINGH BIOGRAPHY
सरदार उधम सिंह को देशभक्ति का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है जिसने अपने देश के लिए अपनी जान की परवाह किए बिना स्वतंत्रता लाने का संकल्प लिया था।सरदार उधम सिंह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व हैं। उन्होंने अपने जीवन का पूरा समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लगाया था। उधम सिंह ने महात्मा गांधी और नेहरू जी की नीतियों से अलग होकर अपनी स्वतंत्रता संग्राम रणनीति अपनाई थी।
उन्होंने ब्रिटिश राज के खिलाफ आवाज उठाया और एक स्वतंत्र भारत की स्थापना के लिए अपनी जान दे दी।उधम सिंह की शहादत के बाद ब्रिटिश राज के खिलाफ संग्राम और स्वतंत्रता आंदोलन में तेजी आई। उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए अपना पूरा समय दिया और भारत की स्वतंत्रता के लिए जीवन की आहुति दी। उन्होंने एक दृढ़ निश्चय के साथ अपनी जान की परवाह किए बिना भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष जारी रखा।
उधम सिंह का समाधि स्थल अमृतसर के शहीद स्मारक में स्थित है। वहाँ पर उन्हें एक महान शहीद के रूप में याद किया जाता है। उनके समाधि स्थल पर दर्शकों की भीड़ नहीं खत्म होती है।सरदार उधम सिंह भारत के इतिहास में एक महान व्यक्तित्व हैं जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे बड़े शहीदों में से एक हैं। उन्होंने अपने जीवन का पूरा समय भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में लगाया था। उनका जीवन और उनके संघर्ष भारत के इतिहास में एक अमूल्य धन हैं। उनकी याद देश के लोगों के लिए हमेशा एक प्रेरणा का स्रोत रहेगी।
सरदार उधम सिंह की जीवनी हमें ये सिखाती है कि अगर हमें अपने देश के लिए कुछ करना है तो हमें समय और स्थान के बारे में सोचने की जगह अपने संकल्प और निर्णयों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। जब हमारे मन में चाहता है तब हमें अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना चाहिए। सरदार उधम सिंह का जीवन हमें उनके दृढ़ इच्छा का एक उज्ज्वल उदाहरण प्रदान करता है।उन्होंने ब्रिटिश शासन के विरोध में जीवन भर संघर्ष किया था।
वह एक महान शूरवीर थे जो अपनी आज़ादी के लिए जीवन का संघर्ष करते रहे।सरदार उधम सिंह जैसे महान व्यक्तित्व हमें याद दिलाते हैं कि हमें देश के लिए बलिदान करना चाहिए। हमें उनकी जैसी दृढ़ इच्छा, निष्ठा और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना चाहिए।
सरदार उधम सिंह की जीवनी एक उदाहरण है जो हमें याद दिलाता है कि हमें लगातार देश के लिए लड़ते रहना चाहिए।सरदार उधम सिंह जीवनी हमें उनकी शूरवीरता, समर्पण, इमानदारी और दृढ़ इच्छा सिखाती है। उन्होंने अपने जीवन का हर पल अपने देश के लिए समर्पित किया। उनका संघर्ष आज भी हमारे देश के लोगों के दिल में बसा है।उधम सिंह ने ब्रिटिश शासन के विरोध में बहुत सारे संघर्ष किए और आजादी के लिए अपनी जान दी। उन्होंने जलियांवाला बाग हत्याकांड के विरोध में दम तोड़ दिया था। वह ब्रिटिश जनरल माइकल ओडवर को मार गिराया था जो जलियांवाला बाग हत्याकांड की जिम्मेदारी थी।
उधम सिंह ने यह संदेश दिया कि हमें अपने देश के लिए लड़ना चाहिए। उनका यह संदेश आज भी हमें याद दिलाता है कि हमें अपने देश के लिए सदैव समर्पित रहना चाहिए। बहुत सारे संघर्ष किए लेकिन वे कभी नहीं हारे थे।उधम सिंह की जीवनी एक महान प्रेरणास्रोत है। उनकी जीवनी हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपनी समस्याओं से लड़ना चाहिए। उधम सिंह को बहुत संघर्ष करना पड़ा था लेकिन वह अपने मकसद से हटने वाले नहीं थे।
सरदार उधम सिंह का नाम आज भी देश के लोगों के दिलों में बसा हुआ है। उनकी साहसिकता, समर्पण और दृढ़ इच्छा हमें उन्हें याद करने के लिए प्रेरित करती हैं। उनका संघर्ष हमें उनके देशप्रेम और अपने देश के लिए समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने में मदद करता है।इस तरह से, सरदार उधम सिंह की जीवनी एक महान प्रेरणा स्रोत है।
सरदार उधम सिंह की जीवनी देशभक्ति, समर्पण, संघर्ष और समरसता के संदेशों से भरी हुई है। हम सभी को इन संदेशों का अनुसरण करना चाहिए।उम्मीद है कि यह सरदार उधम सिंह की जीवनी आपको पसंद आई होगी और आपको उनके जीवन से प्रेरणा मिली होगी। वे देश के लिए अपने जीवन का हर पल समर्पित करते रहे थे।
Conclusion
आखिर में,
सरदार उधम सिंह जी की जीवनी हमें स्वतंत्रता संग्राम के संदेशों को याद दिलाती है। उनकी जीवनी हमें देशप्रेम और समर्पण का संदेश देती है। उनकी जीवनी से हमें उनके संघर्ष और जीवन के उस उत्साह की प्रेरणा मिलती है, जो हमें अपने देश के लिए जीवन समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है। उनके बलिदान ने देश के लिए एक उदाहरण स्थापित किया है और उन्हें सदा सराहा जाएगा। आइए हम सभी उनको श्रद्धांजलि अर्पित करें और उनके संघर्ष और बलिदान को याद करके हम भी अपने देश के लिए समर्पित हों।
जय हिंद!
उधम सिंह महत्वपूर्ण सूचना तालिका
नाम ( Name) | उधमसिंह |
पूरा नाम (Full Name) | शहीद-ए-आज़म सरदार उधम सिंह |
निक नेम (Nick Name ) | शेर सिंह |
जन्म तारीख (Date of Birth) | 26 दिसंबर 1899 |
जन्म स्थान (Birth Place) | सुनाम गांव , संगरूर जिला ,पंजाब |
मृत्यु की तारीख (Date of Death) | 31 जुलाई, 1940 |
मृत्यु का स्थान (Place of Death) | बार्न्सबरी, इंग्लैंड, यूके |
राष्ट्रीयता (Nationality) | भारतीय |
जाति (Caste) | अनुसूचित जाति |
उपजाति (SubCaste) | क्रांतिकारी |
वैवाहिक स्थिति (Marital Status) | अविवाहित |
शिक्षा (Education) | मैट्रिक पास |
Udham Singh Biography के ऊपर बनाई गयी फिल्में
सरदार उधम सिंह के ऊपर फिल्म बनाई गई हैं जिसमें से कुछ निम्नलिखित फिल्में इस प्रकार हैं । –
जलियां वाला बाग (1977)
शहीद उधम सिंह (1977)
शहीद उधम सिंह (2000)
FAQ (frequently Ask Questions)
Q : उधम सिंह कौन थे ?
Ans : जलियांवाला बाग़ हत्याकांड के आरोपी जनरल ओ डायर को मारने वाले महान क्रांतिकारी थे ।
Q : उधम सिंह का जन्म कब और कहां हुआ ?
Ans : 26 दिसंबर 1899 को,सुनाम गांव , संगरूर जिला ,पंजाब में हुआ था।
Q : उधम सिंह ने जनरल डायर को क्यों मारा ?
Ans : जनरल ओ डायर ने जलिया वाले बाग में मारने का आदेश दिया था काफी निर्दोष लोगों को मार दिया गया था ।
जो की जलियांवाला बाग़ नरसंहार का मुख्य आरोपी था।
Q : उधम सिंह की मृत्यु कब हुई ?
Ans : 31 जुलाई, 1940
Q : उधम सिंह की जाति क्या है ?
Ans : उधम सिंह जी अनुसूचित जाति के थे।
Q : उधम सिंह ने जेल में रहते हुए अपना नाम क्या रख लिया था ?
Ans : राम मोहम्मद सिंह आजाद।
Q : उधम सिंह ने जनरल डायर को कब मारा था ?
Ans : उधम सिंह ने जनरल डायर को 24 जुलाई, 1927 में मारे थे।
Q : सरदार उधम सिंह का बलिदान दिवस कब मनाया जाता है ?
Ans : सरदार उधम सिंह का बलिदान दिवस 31 जुलाई को मनाया जाता है।
Q : शहीद उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कब और कहां की थी ?
Ans :शहीद उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या 13 मार्च 1940 को रायल सेंट्रल एशियन सोसायटी की लंदन के काक्सटन हाल की बैठक में की थी।
Q : उधम सिंह के पिता का क्या नाम है ?
Ans :उधम सिंह के पिता का नाम सरदार तहल सिंह जम्मू है।
Q : उधम सिंह के बचपन का क्या नाम था ?
Ans :उधम सिंह के बचपन का नाम शेर सिंह था।
Q : शहीद उधम सिंह को फांसी कहां तथा किस देश में दी गई थी?
Ans :शहीद उधम सिंह को 31 जुलाई 1940 में उन्हें इंग्लैंड के लन्दन शहर की पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई।
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