Gautam Buddha Biography

Gautam Buddha Biography in Hindi

Table of Contents

1.जन्म कपिलवस्तु (लुम्बिनी) 563 ई. पूर्व
2.अन्य नामसिद्धार्थ, गौतम बुद्ध, शाक्य मुनि, तथागत बुद्ध
3.पिताशुद्धोधन
4.मातामहामाया
5.पत्नीयशोधरा
6.पुत्रराहुल
7.भाईदेवदत्त
8. ज्ञानप्राप्तिबोधगया (बिहार)
9.महापरिनिर्वाणकुशीनगर (उत्तरप्रदेश) 483 ई. पूर्व
life table

हमारे देश भारत के इतिहास में अनेक महापुरुष आए हैं, जिन्होंने विश्व के इतिहास को बदला है। उनमें से एक थे गौतम बुद्ध। उनका जन्म 563 ईसा पूर्व में नेपाल के लुंबिनी में हुआ था।गौतम बुद्ध का बचपन बहुत ही सुखद रहा था। उन्हें राजपुत्र के तौर पर पाला गया था और सभी सुख-सुविधाओं से लबालब रहते थे। लेकिन एक दिन उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया और तपस्या करने के लिए घर से निकल गए। उन्होंने बहुत संघर्ष करके निर्वाण की प्राप्ति की और फिर वे बुद्ध बन गए।

गौतम बुद्ध का संदेश था कि संसार के सभी दुखों का कारण इच्छा है। वे यह बताते थे कि जब हम इच्छाओं को छोड़ देते हैं तो हम संसार से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने अपना संदेश व्यापक रूप से फैलाया और लोगों को बताया कि धर्म क्या होता है।गौतम बुद्ध के उपदेशों ने लोगों को धार्मिक और आध्यात्मिक जीवन जीने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने समझाया कि धर्म सिर्फ एक अनुभव है, जो सभी लोगों के लिए समान होता है। वे भारतीय धर्म के वैदिक विचारों को त्याग कर अपनी समझ और अनुभव से एक नया धर्म बनाया।

गौतम बुद्ध के उपदेश जैन धर्म और हिंदू धर्म को बदल दिए। उन्होंने अनित्य, दुःख, अनात्मा जैसे मूल सत्य को सिद्ध की । उन्होंने यह भी बताया कि सत्य तथ्य होता है, उसे अभ्यसन करना होता है और उससे मुक्त होना होता है।

गौतम बुद्ध की महत्वपूर्ण उपलब्धियों में से एक थी उनकी अहिंसा की शिक्षा। वे सबके साथ समझौता करने का संदेश देते थे और यह बताते थे कि सभी जीवों के प्रति दया रखनी चाहिए।गौतम बुद्ध की मृत्यु उनकी 80 वर्ष की आयु में हुई थी। उनके बाद उनके शिष्यों ने उनकी शिक्षाओं को फैलाया और उन्होंने एक नया धर्म बनाया।

गौतम बुद्ध ने एक ऐसा धर्म बनाया जो मनुष्य के लिए सुख, शांति और समाधान लाता है। उन्होंने निर्वाण के सिद्धांत को बताया, जिसमें वे सारे दुःखों से मुक्त हो जाते हैं। उन्होंने अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को उनके जीवन का सही मार्ग दिखाया।गौतम बुद्ध के जीवन और उपदेशों की वजह से उन्होंने समाज को बदला। उनके उपदेशों के माध्यम से लोग एक सशक्त और निर्भीक समाज के लिए एक समानता की अवधारणा से परिचित हुए।

गौतम बुद्ध का जीवन समाज को उनके द्वारा स्थापित धर्म की ओर उनमें से एक समानता और शांति के संदेश के साथ आगे बढ़ाता है। उनकी जीवनी हमें उनकी शिक्षाओं का महत्व बताती है और हमें एक समझदार, समझौते करने वाले और दयालु समाज के लिए प्रेरित करती है।

गौतम बुद्ध के उपदेशों और जीवन के बारे में सीखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनके संदेश से हम अपनी ज़िन्दगी को भलीभांति जीने के साथ-साथ अपने समाज की समस्याओं के समाधान की दिशा में भी सोच सकते हैं।गौतम बुद्ध की शिक्षाओं का उपयोग आज भी लोग उनकी जीवन और उपदेशों से निरंतर प्रेरित होते हैं।

उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने से लोगों में समझ, समझदारी और दयालुता की भावना उत्पन्न होती है।गौतम बुद्ध एक महान धर्मगुरु थे जो अपने उपदेशों के माध्यम से लोगों को समस्याओं से मुक्ति दिलाते थे। उन्होंने समस्त जीवन को एक समन्वित तरीके से जीने के लिए अपने शिष्यों को सिखाया था।आज भी बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर लोग अपनी ज़िन्दगी में सुधार करते हैं। उन्होंने शांति, समन्वय, समझदारी और दयालुता का संदेश दिया था जो आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण है।इसलिए, गौतम बुद्ध की जीवनी को जानना और उनकी शिक्षाओं को अपनाना हम सबके लिए महत्वपूर्ण है।

उनकी जीवन और उपदेशों की बातें हमें एक अच्छे समाज के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती हैं। उनकी शिक्षाएं अपनाकर हम सभी अधिक समझदार, दयालू और समन्वयपूर्ण हो सकते हैं।गौतम बुद्ध वैज्ञानिक विचार के साथ समस्त जीवन के समस्याओं का समाधान ढूंढ निकाला था। उन्होंने समस्त मानवता के लिए एक राह दिखाई थी जो उनके उपदेशों से स्पष्ट होती है।उनकी शिक्षाओं में से कुछ महत्वपूर्ण सिद्धांत हैं जो आज भी हमें याद रखने चाहिए। उनमें से एक सिद्धांत है कि दुःख से मुक्ति के लिए हमें संयम का पालन करना चाहिए। दूसरा सिद्धांत है कि हमें धार्मिक आदर्शों को समझना चाहिए और उन्हें अपने जीवन में शामिल करना चाहिए।

गौतम बुद्ध के जीवन का अध्ययन करने से हमें यह भी पता चलता है कि उनकी जीवन यात्रा कुछ ऐसी थी जो हमें उनकी शिक्षाओं को समझने में मदद करती है। वे शांत वातावरण में रहते थे ।उनके उपदेशों में जीवन के सभी क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता था और वे इस बात को समझाते थे कि जीवन का उद्देश्य सुख नहीं है, बल्कि मुक्ति है।गौतम बुद्ध का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें समस्त मानवता के प्रति समर्पित रहना चाहिए और हमें संयम और धार्मिकता के मार्ग पर चलना चाहिए। उनकी शिक्षाओं का पालन करने से हम अपने जीवन को खुशहाल और समृद्ध बना सकते हैं।

उनके उपदेशों से हमें जीवन के असली महत्व का अनुभव होता है और हमें समस्त मानवता के साथ एकता और शांति के मार्ग पर चलने की प्रेरणा मिलती है।आज भी गौतम बुद्ध के उपदेश दुनियाभर में अपना महत्व संभाले हुए हैं और उनकी शिक्षाएं हमें समस्त मानवता के लिए सबसे अच्छी राह दिखाती हैं। उनके जीवन का अध्ययन हमें अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करता है और हमें एक समर्थ और धार्मिक व्यक्ति के रूप में उचित दिशा देता है।

गौतम बुद्ध का जीवन हमें एक महान व्यक्तित्व के बारे में सिखाता है जो जीवन के सभी पहलुओं पर ध्यान देता हैं। वे संसार में सुख और दुःख के समान अस्तित्व को स्वीकार करते थे और इसी के आधार पर अपने उपदेश देते थे। उनके उपदेशों से हम यह समझते हैं कि संसार में दुःख होना स्वाभाविक है और हमें इससे निपटना सीखना चाहिए।

गौतम बुद्ध का जीवन हमें एक संतोषपूर्ण और शांतिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है। वे शिक्षा देते हैं कि संतोष, समस्त मानवता के साथ सहयोग, सम्मान और प्रेम के साथ जीवन जीना चाहिए। उन्होंने दुनिया के सभी लोगों के लिए अपने उपदेशों का प्रचार किया और इस तरह वे एक सामाजिक आंदोलन का मूल बने।गौतम बुद्ध के उपदेश हमें अपने जीवन को सकारात्मक बनाने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने जीवन में संतोष और समृद्धि के मार्ग का दर्शन किया। उनके उपदेश हमें दुनिया के सभी लोगों के साथ सहयोग और एकता के लिए भी प्रेरणा देते हैं।गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए उपदेश हमें आत्मविश्वास, संतुलन और नैतिक मूल्यों का सम्मान करने की सीख देते हैं। उन्होंने बताया कि मनुष्य की समस्या का मूल कारण उसकी भावनाएं हैं और इसलिए हमें अपनी भावनाओं को समझना चाहिए।

गौतम बुद्ध के उपदेशों का मूल लक्ष्य हमें आत्म-सुधार और आत्म-परिवर्तन करने का प्रेरणा देना है। उन्होंने बताया कि जब हम अपने मन को संयमित करते हैं तब हम खुशहाल जीवन जीने में सक्षम होते हैं। उनके उपदेश हमें समझाते हैं कि जीवन का मूल उद्देश्य सुख नहीं होता है, बल्कि मुक्ति होती है।गौतम बुद्ध एक दार्शनिक, विचारक और समाज सेवी थे। उनकी उपदेशों से हमें अपने जीवन के मूल तत्वों को समझने और संयम और ध्यान के माध्यम से जीवन को सुखद बनाने की प्रेरणा मिलती है।

गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के दौरान अनेक समस्याओं से जूझा। उन्होंने इन समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए ध्यान का उपयोग किया। उन्होंने अनेक तपस्याओं के बाद अंततः बोधिसत्त्वा प्राप्त किया और इस उपलब्धि के बाद उन्होंने दुनिया के साथ अपना संबंध तोड़ दिया।गौतम बुद्ध के उपदेशों का मूल लक्ष्य हमें आत्म-सुधार और आत्म-परिवर्तन करने का प्रेरणा देना है। उन्होंने बताया कि जब हम अपने मन को संयमित करते हैं तब हम खुशहाल जीवन जीने में सक्षम होते हैं। उनके उपदेश हमें समझाते हैं कि जीवन का मूल उद्देश्य सुख नहीं होता है, बल्कि मुक्ति होती है।

उनकी शिक्षाएं आज भी विश्वभर में फैली हुई हैं और लाखों लोग उनके उपदेशों से प्रेरित होकर अपने जीवन को सफल बनाने का प्रयास कर रहे हैं।गौतम बुद्ध का जीवन और उनके उपदेश हमारी दुनिया के लिए अमूल्य धन हैं। हमें उनसे प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके उपदेशों का अध्ययन करके अपने जीवन को समृद्ध, सुखी और शांतिपूर्ण बनाने का प्रयास करना चाहिए।

आज के दौर में जहाँ हम स्थानिक जनजातियों और धर्मों के बीच बहुतायत में भेदभाव देखते हैं, गौतम बुद्ध ने धर्म के महत्व को समझाया था और यह सभी जीवों के लिए एक राह होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि सभी जीवों में एक निर्वाण की लालसा होती है, जो हम सब तक पहुंच सकती है।

हमें उनके उपदेशों को समझना चाहिए और उनके अनुसार अपने जीवन को जीना चाहिए।गौतम बुद्ध के उपदेशों का मुख्य उद्देश्य सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीना होता है। उन्होंने बताया कि सुख और शांति की प्राप्ति के लिए हमें भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए और क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार जैसी दुष्ट भावनाओं से दूर रहना चाहिए।

उन्होंने मध्यम मार्ग को बताया है, जिसे अनुषासन, सामग्री और समता के तीन अंगों से आधारित माना जाता है। हम अपनी जिंदगी में अनुभवों से सीख लें और अपनी गलतियों से अवगत होकर अपने अंदर की ताकत का उपयोग करें। यह उनके उपदेश थे जो आज भी हमें दिशा देने में सक्षम हैं।गौतम बुद्ध ने धर्म को सरल और समझने योग्य बनाया है। हम उनके उपदेशों को जीवन में अपनाकर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।

गौतम बुद्ध का जन्म 

गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल और भारत के समीप लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। उनका जन्म सन् 563 ईसा पूर्व हुआ था। वे कपिलवस्तु (अब नेपाल में) में रहते थे जो कि भारत और नेपाल की सीमा के पास स्थित है। उनके पिता का नाम शुद्धोधन था और माता का नाम माया देवी था।

गौतम बुद्ध की शिक्षा

गौतम बुद्ध ने अपनी शिक्षा के लिए बहुत सारे गुरुओं से सीखा। उनमें से पहले उन्होंने अपने पिता से वेदों और धर्म के बारे में बहुत कुछ सीखा। बाद में, वे अलारा कलाम और उदक रामपुत्र नामक दो योगियों से भी शिक्षा प्राप्त करने गए। उन्होंने योग का अध्ययन किया जो उन्हें मुक्ति की ओर ले जाने के लिए एक मार्ग दिखाने में मदद कर सकता था।बाद में, गौतम बुद्ध ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय साकेत में बिताया जहाँ उन्होंने ध्यान और धार्मिक साधना का अध्ययन किया। उन्होंने जीवन के अनुभवों से उन्हें उस सत्य की तलाश में ले जाने वाले महापुरुषों की शिक्षाओं से भी प्रभावित हुए। गौतम बुद्ध का एक प्रमुख उद्देश्य संसार में दुःख के मूल कारणों को समझना और इससे मुक्ति पाने का मार्ग ढूंढना था।

सिद्धार्थ गौतम (बुद्ध) का विवाह

सिद्धार्थ गौतम (बुद्ध) का विवाह यशोधरा नामक राजकुमारी से हुआ था। इनका विवाह लुम्बिनी के पास स्थित कपिलवस्तु नामक स्थान पर हुआ था। यशोधरा सिद्धार्थ गौतम की पत्नी बनकर धर्मपत्नी के रूप में जानी जाती हैं।

बुद्ध और यशोधरा के विवाह के बाद, उन्होंने एक बेटे का जन्म दिया जिसका नाम राहुल था। बुद्ध ने अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर अनुभवी ज्ञानियों द्वारा दी गई उपदेशों के माध्यम से समस्त जीवन की अनुभव एवं दुखों की मूल वजहों को जानने का प्रयास किया था।

यशोधरा ने भी बुद्ध के साथ उनके धर्म के अनुयायी बनने का निर्णय लिया था। हालांकि, उनका जीवन बहुत ही शोकाकुल रहा था। उनका पति ने उनसे सम्बन्ध तोड़ लिए थे और वे अपने बेटे के साथ अकेले रहने के लिए छोड़ दिए गए थे। इसके बाद, उन्होंने बुद्ध के धर्म में अधिक अध्ययन किया और साथ ही साथ उन्होंने अपनी जिंदगी को भी उसी के अनुसार जीना शुरू कर दिया।यशोधरा ने बुद्ध की महापरिनिर्वाण के बाद भी उनकी शिष्या के रूप में उनकी सेवा की और समाज में धर्म के उपदेशों को फैलाने का कार्य जारी रखा। उन्होंने स्त्रियों के उत्थान और समानता के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया।

महात्मा गौतम बुद्ध का गृहत्याग 

महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के अंतिम दिनों में गृहत्याग कर दिया था। उन्होंने अपनी पत्नी यशोधरा और पुत्र राहुल को छोड़कर संन्यास ले लिया था। उन्होंने जीवन भर अपने धर्म और तत्त्वों के उपदेशों को समर्पित कर दिया था और अंतिम दिनों में उन्होंने अपने शिष्यों को अपने उपदेशों का आशीर्वाद दिया। उनके गृहत्याग के बाद, उन्होंने निर्वाण प्राप्त कर लिया।

महात्मा गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति 

महात्मा गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति के लिए उन्होंने अपने जीवन में अनेक तपस्याओं को अनुभव किया। उन्होंने विभिन्न धार्मिक आचार्यों से शिक्षा प्राप्त की और विभिन्न ध्यान प्रक्रियाओं का अभ्यास किया। उन्होंने एक रात्रि के दौरान बोधिवृक्ष के नीचे ध्यान में लगे रहते हुए संसार के समस्त दुखों के समाधि की प्राप्ति कर ली थी, जिसे हम बुद्ध का अवबोधन (Enlightenment) कहते हैं। उसके बाद, उन्होंने अपने जीवन में धर्म और तत्त्वों के उपदेशों को समर्पित कर दिया था।

महात्मा गौतम बुद्ध का प्रथम उपदेश

महात्मा गौतम बुद्ध का प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया गया था। सारनाथ उत्तर प्रदेश, भारत में स्थित है और यह बौद्ध धर्म के एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। इसी जगह पर महात्मा गौतम बुद्ध ने अपने प्रथम उपदेश दिया था जो सारनाथ के प्रसिद्ध स्तूप धम्मराजिक स्तूप के पास ही हुआ था।

गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद की घटना

गौतम बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद, उनके शिष्यों ने उनके शरीर को संगमन कर लिया और उसे श्रीनाथ के नाम से जाना जाने लगा। वे उनके शरीर को साढ़े तीन मिल की ऊँचाई पर एक स्थान पर रखा दिया था, जो अब बोधगया नाम से जाना जाता हैऔर उस पर स्तूप बनाया गया है। उनके निधन के बाद उनके शिष्यों ने उनके उपदेशों को समाज में फैलाने का कार्य जारी रखा और धर्म के उपदेशों को समझाने के लिए बहुत सारी व्याख्याएं लिखी गईं।

बौद्ध धर्म के प्रचार व प्रसार के लिए उनके शिष्यों ने कई स्थानों पर स्तूप और विहार बनाएं, जहां लोग उनके उपदेशों को सुनते थे और ध्यान भी करते थे। बौद्ध धर्म का प्रसार समृद्ध तथा व्यापक हुआ और वर्तमान में यह एक महत्वपूर्ण धर्म है। बौद्ध धर्म के विभिन्न धार्मिक संस्थाओं के गठन हुए जैसे महायान बौद्ध धर्म, थेरवाद बौद्ध धर्म और वज्रायान बौद्ध धर्म। इन संस्थाओं के भेदाभेद में भक्ति और विवेक दोनों का महत्व होता है।बौद्ध धर्म का प्रमुख धार्मिक लक्ष्य जीवन में दुख को दूर करना और निर्वाण की प्राप्ति है।

बौद्ध धर्म के अनुयायी ध्यान में विश्वास रखते हैं।बौद्ध धर्म का प्रसार समृद्ध रहा है और आज भी विश्व भर में बौद्ध धर्म के कई शाखाएं हैं। भारत में बौद्ध धर्म का केंद्र बोधगया, सारनाथ और नालंदा जैसे शहर हैं जहां बौद्ध धर्म की महत्ता रही है। भारत के अलावा बौद्ध धर्म अन्य देशों में भी प्रचलित है। सबसे बड़ी बौद्ध धर्म संस्था चीन में है, जहां शाक्यमुनि बुद्ध के शिष्य बोधिधर्मा ने बौद्ध धर्म को प्रचलित किया था। जापान, कोरिया, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड, कम्बोडिया और श्रीलंका जैसे अन्य देशों में भी बौद्ध धर्म की महत्ता रही है।आज भी बौद्ध धर्म का प्रभाव विश्व भर में दिखाई देता है। बौद्ध धर्म अध्ययन और ध्यान के माध्यम से लोग अपने जीवन में शांति, संतुलन और आनंद का अनुभव करते हैं। इसके अलावा बौद्ध धर्म के अनुयायी अपने जीवन में दया, करुणा, सहिष्णुता और सद्भाव को प्रधान मानते हैं।

बौद्ध धर्म की मुख्य विशेषता उनके चार मूल्यों – बोधिचित्त, प्रज्ञा, शून्यता और प्रतीत्यसमुत्पाद के ज्ञान पर आधारित है। ये मूल्य शांति, समझदारी और सहिष्णुता के साथ जीवन जीने के उपाय हैं।बौद्ध धर्म में तीन मुख्य शाखाएं हैं – थेरवाद, महायान और वज्रायान।

थेरवाद बौद्ध धर्म सबसे पुराना और सबसे संयुक्त शाखा है, जो श्रीलंका, बर्मा, थाईलैंड, कंबोडिया, लाओस और बांग्लादेश में अधिकतर प्रचलित है।

महायान बौद्ध धर्म चीन, जापान, कोरिया, वियतनाम, ताइवान और मंगोलिया में प्रचलित है।

वज्रायान बौद्ध धर्म भूतान, नेपाल, तिब्बत, भारत, पाकिस्तान, मंगोलिया और चीन के तिब्बती क्षेत्र में पाया जाता है।

बौद्ध धर्म का प्रभाव आज भी विश्व भर में दिखाई देता है। लोग आज भी बौद्ध धर्म के अनुयायी बनते हैं और उनके जीवन में शांति और समृद्धि के उपाय ढूंढते हैं। बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण पहलू है उसकी अहिंसा विश्वास। यह बौद्ध धर्म का मूल मंत्र है जिसका मतलब है ‘किसी जीव को भी क्षति नहीं पहुंचाना’। इस आदर्श के अनुसार, बौद्ध धर्म के अनुयायी न केवल मानव जाति में बल्कि सभी जीवों के प्रति आदर रखते हैं।बौद्ध धर्म के अनुयायी बौद्ध मठों या विहारों में रहते हैं और विश्व में कई महत्वपूर्ण मठ और विहार हैं। महाबोधि मंदिर, सारनाथ, बोधगया, सांची चैत्यालय, नालंदा गुरुखुट, तक्षशिला विहार, धार्मिका स्तूप आदि भारत में बौद्ध धर्म से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण स्थान हैं।इसके अलावा, बौद्ध धर्म के अनुयायी विश्व भर में उपस्थित हैं और उनमें से कुछ अखिल भारतीय बौद्ध महासभा, अमेरिकन बौद्ध संघ, ब्रिटिश बौद्ध संघ और तिब्बती बौद्ध संघ जैसे संगठन शामिल हैं।अंततः, गौतम बुद्ध ने अपने जीवन के दौरान अनेकों लोगों को सम्यक दर्शन (सही दर्शन) का मार्ग बताया और अपने शिष्यों को उन्हें प्रचारित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने उपदेशों और उनके जीवन के उदाहरणों के माध्यम से बहुत से लोगों को आत्मज्ञान, संयम और निरोध का मार्ग दिखाया। बौद्ध धर्म अपने विश्वासों, संस्कृति और इतिहास के साथ एक अद्भुत धर्म है जो लोगों को अपने जीवन में शांति, सुख और समृद्धि के मार्ग पर ले जाता है।

गौतम बुद्ध की मृत्यु

गौतम बुद्ध की मृत्यु महापरिनिर्वाण के नाम से जानी जाती है। उनकी मृत्यु की तारीख विविध संशोधनों के बावजूद निश्चित नहीं है, लेकिन अक्टूबर या नवंबर, सन् 483 ईसा पूर्व के आस-पास मानी जाती है।बुद्ध की मृत्यु के समय उन्होंने अपने शिष्य अनंत, शारिपुत्र, मौद्गल्यायन, महाकौश्यप, पूर्णमैत्रा, सुभद्रा, उपालवणा, रहुल और अनन्य थे। उन्होंने अपने शिष्यों से अलविदा कहा और उन्हें उनके धर्म का पालन करने की सलाह दी।उनकी मृत्यु के बाद, उनके शिष्यों ने उनके शव का समाधि बनाया और अनेक बौद्ध स्तूपों और मंदिरों का निर्माण किया। उनकी मृत्यु के बाद से बौद्ध धर्म विस्तृत रूप से फैला हुआ है और विभिन्न भागों में उनके शांतिप्रिय संदेश का प्रचार किया जाता है।

महात्मा गौतम बुद्ध के प्रमुख के उपदेश एवं शिक्षाऍं

महात्मा गौतम बुद्ध के उपदेश और शिक्षाएं उनके आठ अवस्थाओं या “आर्य अष्टांग मार्ग” के माध्यम से दिए गए हैं। ये आठ अवस्थाएं हैं – शील (अनुशीलनीय आचरण), समाधि (ध्यान), प्रज्ञा (समझ), समधिकरण (सहिष्णुता), उपेक्षा (निष्पक्षता), क्षान्ति (क्षमा), विराग (वैराग्य) और प्रतिष्ठा (स्थिरता)।इन आठ अवस्थाओं के अनुसार, उनके प्रमुख उपदेश निम्नलिखित हैं:चतुरार्य सत्य – दुःख सत्य है, दुःख का कारण इच्छा है, इच्छाओं से छूटना संभव है और इच्छाओं से मुक्त होने के लिए अभ्यास किया जा सकता है।अनिच्चा – सब कुछ अस्थायी है और उसके पीछे लगे आसक्तियों और मोह का दोष है।अनात्मा – जो हम अपना स्वयं का मानते हैं, वह अस्थायी है। सभी वस्तुओं का अनात्मा है जो कि संघटित रूप से हमारी संज्ञा में व्यवहार में होता है।मध्यम मार्ग – ये शील, समाधि और प्रज्ञा के उपदेशों को अपनाते हुए अपनी आत्मा को नये शील, समाधि और प्रज्ञा के उपदेशों को अपनाते हुए अपनी आत्मा को निर्मल करने वाले मार्ग को मध्यम मार्ग कहा जाता है।आत्म-परीक्षा – अपनी भावनाओं, आसक्तियों और अन्य दोषों का समय-समय पर स्वीकार करना चाहिए।उपेक्षा – सभी भावनाओं, वस्तुओं और स्थितियों के प्रति निष्पक्ष रहना चाहिए।निर्वाण – यह आत्मा के मुक्त हो जाने की स्थिति है, जब अनन्त दुःखों के कारणों से मुक्त हो जाते हैं और स्थिरता की अवस्था में पहुंचते हैं।अनित्यता – सब कुछ जो हम प्राप्त करते हैं, अस्थायी है। सुख और दुःख सभी अस्थायी होते हैं और इन्हें व्यर्थ के रूप में मानना उचित नहीं है।इन उपदेशों का मूल उद्देश्य मन की शांति, संयम, और अंततः निर्वाण की प्राप्ति है। ये उपदेश सभी मनुष्यों के लिए लाभदायक हैं, चाहे वह कोई धर्म अनुयायी हो या नहीं।

Story of Laughing Buddha in Hindi

हँसते बुद्ध की कहानी, जिसे हम लाफिंग बुद्ध के नाम से भी जानते हैं, बहुत ही प्रसिद्ध है। यह कहानी चीन में प्रचलित है।एक समय की बात है, जब चीन में एक बुद्धिमान शासक राज करता था। वह बहुत धनवान था और अपनी समृद्धि के साथ खुश रहता था। एक दिन उसे एक बुद्धिमान व्यक्ति मिला। शासक ने उसे पूछा कि तुम्हारे पास कुछ ऐसा है जो मेरे पास नहीं है, और जिससे मैं समृद्धि और खुशी प्राप्त कर सकूँ। व्यक्ति ने उत्तर दिया, “हाँ, मैंने कुछ ऐसा देखा है, जो तुम्हारे पास नहीं है। यह हँसते बुद्ध का उपदेश है।”शासक ने पूछा, “हँसते बुद्ध कौन है और उसका उपदेश क्या है?”व्यक्ति ने बताया, “हँसते बुद्ध एक बड़ा और मोटा बुद्धा है, जो बहुत ही खुश होता है। वह हमेशा मुस्कुराता है और अपने चारों ओर की सबसे छोटी-छोटी चीजों पर भी हँसता है।

उसका यह उपदेश हमें सिखाता है कि हमें हमारी ज़िन्दगी के साथ हमेशा खुश रहना चाहिए और जीवन को धन्य बनाने के लिए छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना चाहिए। इस उपदेश के अनुसार, हमें सभी अवसरों पर खुश रहना चाहिए और छोटी-छोटी बातों का आनंद लेना चाहिए।शासक ने उस व्यक्ति से कहा, “मैं भी हँसते बुद्ध के उपदेश का पालन करना चाहता हूँ।”उसके बाद से शासक ने खुश रहने का आदत डाली और उसने भी अपनी समृद्धि के साथ-साथ छोटी-छोटी खुशियों का आनंद लेना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे वह इस उपदेश का पालन करता गया, उसकी ज़िन्दगी में खुशियों का आगमन होता गया।

इस तरह हँसते बुद्ध का उपदेश सभी लोगों के लिए एक बड़ा संदेश है, जो हमें यह सिखाता है कि हमें जीवन को समृद्ध और खुश बनाने के लिए छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना चाहिए।

Books on Buddha in Hindi

बौद्ध धर्म और गौतम बुद्ध के जीवन पर कई उपयोगी और महत्वपूर्ण पुस्तकें हिंदी में उपलब्ध हैं। कुछ उनमें से निम्नलिखित हैं:

धम्मपद (Dhammapada) – इस पुस्तक में बौद्ध धर्म के आठ सुत्रों का विवरण है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक है जो बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों को समझने में मदद करती है।

बौद्ध जीवनी (Buddha Jeevani) – यह पुस्तक गौतम बुद्ध के जीवन के बारे में है। इसमें बुद्ध के बचपन से लेकर महापरिनिर्वाण तक के उसके जीवन के घटनाक्रमों का विस्तृत वर्णन है।

सिद्धार्थ (Siddharth) – यह रोमांचकारी कथा गौतम बुद्ध की जीवनी पर आधारित है। इसमें बुद्ध के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों को दर्शाया गया है।

बौद्ध धर्म (Buddh Dharm) – यह पुस्तक बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों, उनके विवरण और बौद्ध धर्म के विभिन्न विधों का वर्णन करती है।

बौद्ध दर्शन (Buddh Darshan) – इस पुस्तक में बौद्ध दर्शन के विभिन्न पहलू के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है।

धर्मपद (Dharmapad) – इस पुस्तक में गौतम बुद्ध के उपदेशों का संग्रह है। यह बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों और मार्ग को समझने के लिए उपयोगी है।

ये कुछ मुख्य और लोकप्रिय हिंदी पुस्तकें हैं जो बौद्ध धर्म और गौतम बुद्ध के जीवन के बारे में हैं। इनके अलावा भी बहुत सी पुस्तकें उपलब्ध हैं जो बौद्ध धर्म और बुद्ध के विषय में हैं।

Conclusion

समाप्त में, गौतम बुद्ध के जीवन और उपदेश हमें एक नया दृष्टिकोण देते हैं। उनके उपदेश हमें जीवन का महत्व समझाते हैं और हमें एक सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं। इसलिए, गौतम बुद्ध एक महान धर्मगुरु थे जिन्होंने संसार को एक नया रूप दिया। उन्होंने अपनी जीवन की उत्तम उपयोगिता के लिए समर्पित किया था और उनका उपदेश आज भी उपयोगी है।

गौतम बुद्ध जयंती 2023

2023 में, गौतम बुद्ध जयंती 5 मई को मनाई जाएगी। यह एक महत्वपूर्ण बौद्ध त्योहार है जो पूरे विश्व में बौद्ध समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह त्योहार बुद्ध के जन्मदिन को मनाने के लिए है, जो नेपाल और भारत में समय-समय पर अप्रैल या मई महीने में मनाया जाता है।इस दिन, बौद्ध समुदाय के लोग मंदिरों में जाते हैं, पूजा-अर्चना करते हैं और धर्म के संदेश को अपने जीवन में उतारने की प्रतिज्ञा करते हैं। इस दिन को बौद्ध धर्म के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है जो बौद्ध समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। इस दिन, बौद्ध समुदाय के लोग अपने आसपास के लोगों के साथ एक-दूसरे को बधाई देते हैं और उन्हें शुभकामनाएं देते हैं। इस दिन कुछ लोग धर्मी गतिविधियों में भी भाग लेते हैं जैसे मन्दिरों की सफाई, भोजन का वितरण, और धर्म विषयक उपदेशों का सुनना।वैसे, गौतम बुद्ध के जन्म से लेकर महापरिनिर्वाण तक कई महत्वपूर्ण अवसरों पर बौद्ध समुदाय के लोग उनकी यादों को संजोने और उनके उपदेशों को अपने जीवन में उतारने के लिए एकत्रित होते हैं। इस तरह के उत्सवों में बौद्ध समुदाय के लोग अपने समुदाय को जोड़ते हैं और एक-दूसरे के साथ धार्मिक अनुभवों को साझा करते हैं।

गौतम बुद्ध सुविचार पढ़ने के लिए यहां क्लीक करें।

FAQ

प्र० गौतम बुद्ध का जन्म कब हुआ था? 

उ० गौतम बुद्ध का जन्म लगभग 2500 वर्ष पहले लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था। यह स्थान आज नेपाल में स्थित है। गौतम बुद्ध का जन्म वैदिक काल के अंत में या प्रारंभ महाजनपद काल के आरंभ से थोड़ी देर पहले हुआ था। गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व वैशाख पूर्णिमा के दिन हुआ था।

प्र० गौतम बुद्ध की माता का नाम क्या था?

उ० गौतम बुद्ध की माता का नाम माया देवी था। माया देवी शाक्य समुदाय की राजकुमारी थीं और उन्होंने लुम्बिनी में जन्म लिया था। लेकिन उनका पालन-पोषण उनकी मौसी महाप्रजापति ने किया था।

प्र० गौतम बुद्ध किस वंश से संबंध रखते थे?

उ० गौतम बुद्ध शाक्य वंश से संबंध रखते थे। वे शाक्य वंश के राजकुमार थे और उनके पिता का नाम शुद्धोधन था जो कपिलवस्तु में राजा थे। शाक्य वंश नेपाल और भारत के बौद्ध धर्म के इतिहास में महत्वपूर्ण रोल निभाता है।

प्र० गौतम बुद्ध के गुरु कौन थे?

उ० गौतम बुद्ध के गुरु दो थे। पहले गुरु का नाम अलार कलाम होता है और दूसरे गुरु का नाम उद्दक रामपुत्र होता है। अलार कलाम उन्हें वेद, उपनिषदों, वेदांत, योग आदि की पढ़ाई देते थे जबकि उद्दक रामपुत्र उन्हें अतींद्रिय ज्ञान की शिक्षा देते थे। उन्होंने उन्हें संसार के सब प्रकार के दुखों से मुक्ति पाने के लिए मार्गदर्शन दिया था। गौतम बुद्ध ने बाद में उनके द्वारा सिखाये गए उपदेशों का विकास किया और बौद्ध धर्म के रूप में वे उन्हें जाना जाता हैं।

प्र० गौतम बुद्ध की मृत्यु कब हुई?

उ० गौतम बुद्ध की मृत्यु के संबंध में सबसे ज्यादा स्वीकृत तारीख 483 ईसा पूर्व है। वे उस समय कुशीनगर नामक स्थान पर थे और उन्हें अंतिम संस्कार के लिए महापरिनिर्वाण कहा जाता है।

2 thoughts on “Gautam Buddha Biography in Hindi”

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